अगर आप एक भारतीय हैं, तो आपने “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” का नाम जरूर सुना होगा। यह शो न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले टीवी शोज़ में से एक है। इस शो ने हाल ही में यूट्यूब पर 45 बिलियन से भी ज्यादा व्यूज का रिकॉर्ड बनाया है, जो कि कई बड़े कंटेंट क्रिएटर्स को भी पीछे छोड़ चुका है। लेकिन सवाल यह है कि यह शो इतना पॉपुलर कैसे हुआ और अब इसकी व्यूअरशिप क्यों गिर रही है? आइए जानते हैं इस शो की पूरी कहानी।
शुरुआत से सफलता तक का सफर
“तारक मेहता का उल्टा चश्मा” पहली बार 28 जुलाई 2008 को टेलीकास्ट हुआ था। यह वो दौर था जब टेलीविजन पर सिर्फ सास-बहू के ड्रामे छाए हुए थे। लोग इन्हीं सीरियल्स को देखना पसंद करते थे, लेकिन असित कुमार मोदी ने एक ऐसा शो बनाया जो हर उम्र के लोगों के लिए मनोरंजन का नया जरिया बन गया। यह शो मशहूर लेखक तारक मेहता के “दुनिया ने ऊंधा चश्मा” नामक कॉलम पर आधारित है। इसे इतना दिलचस्प तरीके से बनाया गया कि हर मिडिल क्लास व्यक्ति अपने आप को इससे जोड़ने लगा।
क्या बनाया इस शो को इतना खास?
1. मिडिल क्लास फैमिली की कहानी
जहां बाकी टीवी शोज़ अमीर घरानों और ड्रामों से भरे हुए थे, वहीं “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” ने एक साधारण मिडिल क्लास सोसाइटी को दिखाया, जिससे हर कोई आसानी से कनेक्ट कर सका।
2. हर वर्ग और संस्कृति का प्रतिनिधित्व
इस शो में भारत के अलग-अलग राज्यों और समुदायों को दर्शाया गया है, जिससे यह पूरे देश को जोड़ने वाला शो बन गया।
- गुजराती परिवार: जेठालाल और दया
- महाराष्ट्रीयन: आत्माराम भिड़े
- बंगाली: बबीता जी
- साउथ इंडियन: अय्यर
- पंजाबी: सोढ़ी
- पारसी: सोढ़ी की पत्नी
3. फैमिली फ्रेंडली शो
यह एक ऐसा शो है जिसे पूरी फैमिली एक साथ बैठकर देख सकती है। इसमें ना तो कोई गाली-गलौज होती है और ना ही कोई वल्गर सीन।
4. कॉमेडी और मोरल वैल्यूज का परफेक्ट कॉम्बिनेशन
यह शो सिर्फ कॉमेडी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें हर एपिसोड के अंत में कोई न कोई सीख भी दी जाती है, जिससे लोग इसे और भी पसंद करते हैं।
इतनी पॉपुलैरिटी के बाद डाउनफॉल क्यों?
पिछले कुछ सालों में इस शो की व्यूअरशिप लगातार गिर रही है और इसके कई पुराने फैंस इसे देखना छोड़ चुके हैं। आखिर ऐसा क्यों हुआ?
1. मुख्य कलाकारों का शो छोड़ना
- दयाबेन (दिशा वकानी): 2017 में शो से गायब हुईं और आज तक उनकी वापसी नहीं हुई।
- टप्पू (भव्य गांधी): उन्होंने भी शो को अलविदा कह दिया।
- अंजलि मेहता (नेहा मेहता): 2020 में शो से बाहर हो गईं।
- सोढ़ी (गुरुचरण सिंह): उन्होंने भी शो छोड़ दिया।
इन मुख्य किरदारों के जाने से दर्शकों का शो से जुड़ाव कम हो गया।
2. बार-बार रिपीट होने वाले पुराने एपिसोड्स
लोगों का कहना है कि नए एपिसोड्स में पुरानी क्वालिटी नहीं बची और शो में जबरदस्ती के सीन्स डाले जा रहे हैं। इस वजह से पुराने एपिसोड्स ही ज्यादा देखे जा रहे हैं।
3. असली कॉमेडी की कमी
पहले शो में जेठालाल और बबीता जी की केमिस्ट्री, टप्पू सेना की शरारतें और बापूजी के मजेदार डायलॉग्स लोगों को खूब पसंद आते थे। लेकिन अब शो में वही पुरानी बातें दोहराई जा रही हैं, जिससे दर्शकों को मजा नहीं आता।
4. कंट्रोवर्सीज़ बढ़ना
शो के सेट से आए दिन नए विवाद सामने आते रहते हैं।
- कुछ कलाकारों ने पैमेंट ना मिलने की शिकायत की।
- कुछ ने मेकर्स पर बुरा व्यवहार करने के आरोप लगाए।
ये विवाद भी शो की गिरती पॉपुलैरिटी का बड़ा कारण बने।
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क्या शो फिर से हिट हो सकता है?
“तारक मेहता का उल्टा चश्मा” की लोकप्रियता को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह पूरी तरह से फ्लॉप हो जाएगा। लेकिन अगर इसे दोबारा सफल बनाना है, तो मेकर्स को शो की क्वालिटी सुधारनी होगी और पुराने किरदारों को वापस लाने के प्रयास करने होंगे। अगर मेकर्स सही कदम उठाते हैं, तो यह शो फिर से वही पुराना जादू चला सकता है और भारतीय टीवी का नंबर वन शो बना रह सकता है।
निष्कर्ष
“तारक मेहता का उल्टा चश्मा” सिर्फ एक टीवी शो नहीं, बल्कि भारतीय टीवी इतिहास का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इसकी खासियत ही इसे सबसे अलग बनाती है। लेकिन कलाकारों का शो छोड़ना, रिपीट एपिसोड्स और कंट्रोवर्सीज़ इसकी पॉपुलैरिटी पर असर डाल रही हैं। अब देखना होगा कि मेकर्स इस शो को बचाने के लिए क्या नया लाते हैं। क्या यह शो फिर से अपने पुराने दिनों की तरह सुपरहिट हो पाएगा? या फिर दर्शक इससे पूरी तरह मुंह मोड़ लेंगे?