क्या आपको Nokia का वो दौर याद है? जब इसकी बैटरी कभी खत्म नहीं होती थी और हजार बार गिरने पर भी फोन में कोई खरोंच नहीं आती थी। Nokia, जिसने कभी मोबाइल इंडस्ट्री पर राज किया, अचानक क्यों गायब हो गया? और फिर कैसे उसने नई टेक्नोलॉजी और लीडरशिप के साथ शानदार वापसी की? आइए इस सफर को समझते हैं।
Nokia की शुरुआत और सुनहरा दौर
1990 के दशक में Nokia ने मोबाइल इंडस्ट्री में कदम रखा और जल्द ही इसका दबदबा बन गया। 1996 में इसकी वैल्यू $1 बिलियन थी, जो 2008 तक बढ़कर $4 बिलियन हो गई। लोगों को Nokia के ड्यूरेबल डिज़ाइन और लंबी बैटरी लाइफ से प्यार हो गया। लेकिन जैसे-जैसे समय बदला, टेक्नोलॉजी और यूजर्स की पसंद बदलने लगी।
iPhone का आगमन और Nokia का पतन
9 जनवरी 2007 को Apple के सीईओ स्टीव जॉब्स ने पहला iPhone लॉन्च किया। यह सिर्फ एक फोन नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी की नई क्रांति थी। टच स्क्रीन और स्मार्ट फीचर्स के साथ iPhone ने मोबाइल इंडस्ट्री की परिभाषा बदल दी।
Nokia ने इसे हल्के में लिया और अपने पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम सिम्बियन (Symbian) पर ही निर्भर रहा। 2008 में लॉन्च हुआ Nokia N97 एक फ्लॉप साबित हुआ। इसकी टच स्क्रीन और स्लाइड आउट कीबोर्ड, जो यूनिक फीचर्स माने जा रहे थे, बाजार में टिक नहीं पाए। इसके ऑपरेटिंग सिस्टम की जटिलता ने डेवलपर्स और यूजर्स दोनों को परेशान कर दिया।
Nokia का संघर्ष और गिरावट
Symbian ऑपरेटिंग सिस्टम Nokia की सबसे बड़ी कमजोरी बन गया। कंपनी का राजस्व 2008 में $74 बिलियन से गिरकर 2013 में $23 बिलियन पर आ गया। Microsoft ने Nokia को खरीदा, लेकिन वह भी इसे वापस ट्रैक पर लाने में नाकाम रहा।
नई लीडरशिप के साथ वापसी
2014 में राजीव सूरी ने Nokia के सीईओ का पद संभाला। उन्होंने समझा कि स्मार्टफोन बाजार में टिकना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने कंपनी को नेटवर्क सॉल्यूशंस और 5G टेक्नोलॉजी पर फोकस करने का सुझाव दिया।
Nokia ने 5G रिसर्च और डेवलपमेंट में भारी निवेश किया। इसके हाई-परफॉर्मेंस चिप्स और नेटवर्क इक्विपमेंट ने दुनिया की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का ध्यान खींचा।
5G में Nokia का दबदबा
2020 तक Nokia ने 200 से ज्यादा टेलीकॉम कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर ली थी। 2024 तक यह संख्या 300 से ऊपर पहुंच गई। आज ग्लोबल 5G मार्केट में Nokia का 29% हिस्सा है।
Nokia की नई चिप्स तेज, छोटे साइज की और कम पावर खपत वाली हैं, जो इसे प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाती हैं। इसी तकनीक के चलते AT&T और Vodafone जैसी कंपनियों ने Nokia को अपने नेटवर्क के लिए चुना।
Nokia का भविष्य
राजीव सूरी की दूरदृष्टि और निर्णयों ने Nokia को वापस खड़ा किया। 2022 में Nokia का राजस्व $26 बिलियन तक पहुंच गया। अब यह कंपनी स्मार्टफोन्स के बजाय टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस में अपनी पहचान बना रही है।