Maruti Suzuki भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी है, लेकिन इसकी सफलता का सफर इतना आसान नहीं था। कभी इसे सबसे अनसेफ गाड़ियां बनाने वाली कंपनी कहा जाता था, तो कभी यह बंद होने की कगार पर थी। लेकिन फिर भी, आज भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारें इसी कंपनी की होती हैं। सवाल यह उठता है कि Maruti Suzuki इतनी बड़ी कंपनी कैसे बनी? इसकी शुरुआत कैसे हुई? और किन संघर्षों के बाद इसने इंडियन मार्केट में अपनी पकड़ बनाई? आइए, इस पूरी कहानी को विस्तार से जानते हैं।
1. जब भारत को सस्ती कारों की जरूरत थी
1965 में भारत-पाक युद्ध और 1967 में भारत-चीन युद्ध के बाद देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। महंगाई इतनी बढ़ गई कि आम आदमी के लिए एक कार खरीदना सपना बन गया। इस बीच, दुनिया में इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन तेजी से आगे बढ़ रहा था और कार बाजार में उछाल आ रहा था, लेकिन भारत इस दौड़ में काफी पीछे था।
ऐसे में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक ऐसी भारतीय कार बनाने का सपना देखा जिसे आम आदमी आसानी से खरीद सके। इस सपने को पूरा करने के लिए 16 नवंबर 1970 को पीपल्स कार प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई और इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी Maruti Motors Limited को दी गई।
2. संजय गांधी का सपना और संघर्ष
Maruti कंपनी की कमान इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी को सौंपी गई। हालांकि, उनकी शिक्षा औपचारिक रूप से ज्यादा नहीं थी, लेकिन उन्हें कारों और उनके मैकेनिज्म का गहरा शौक था। उन्होंने इंग्लैंड की Rolls Royce कंपनी में तीन साल तक ट्रेनिंग भी ली।
उन्होंने Maruti को एक बेहतरीन भारतीय कार कंपनी बनाने का सपना देखा, लेकिन शुरुआती दिनों में उनकी योजना सफल नहीं हो सकी। संजय गांधी ने विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर Maruti के लिए तकनीकी सहायता लेने की कोशिश की, लेकिन उस समय भारत में आर्थिक संकट के कारण कोई भी कंपनी साझेदारी के लिए तैयार नहीं थी।
इस बीच, 1975 में देश में इमरजेंसी लगा दी गई, और संजय गांधी राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गए। इस कारण Maruti कंपनी पर उनका ध्यान कम हो गया, जिससे कंपनी को बड़ा नुकसान होने लगा। 1977 में जब इमरजेंसी खत्म हुई और जनता पार्टी की सरकार आई, तो Maruti कंपनी को बंद कर दिया गया।
3. Maruti का दूसरा जन्म और Suzuki की एंट्री
1980 में इंदिरा गांधी दोबारा सत्ता में आईं और उन्होंने Maruti कंपनी को दोबारा शुरू करने का फैसला किया। इस बार सरकार ने जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी Suzuki के साथ एक जॉइंट वेंचर किया।
इस समझौते के तहत, शुरुआत में Suzuki केवल एक कार इंपोर्टर के रूप में काम कर रही थी, लेकिन जल्द ही Maruti ने अपनी पहली फैक्ट्री गुड़गांव, हरियाणा में स्थापित की और भारत की पहली ‘पीपल्स कार’ Maruti 800 को 1983 में लॉन्च किया।
Maruti 800 को आम आदमी की कार के रूप में देखा गया, और इसकी कीमत और माइलेज ने इसे बाजार में हिट बना दिया। इस कार के पहले ओनर हरपाल सिंह थे, जो इंडियन एयरलाइंस में काम करते थे।
4. Maruti Suzuki की बढ़ती लोकप्रियता
Maruti की सफलता के बाद, कंपनी ने एक के बाद एक कई हिट कारें लॉन्च कीं, जिनमें Maruti Omni, Maruti Gypsy और बाद में Alto, WagonR, Swift जैसी कारें शामिल हैं।
- Maruti Omni: यह कार न केवल लोगों के लिए एक बेहतरीन फैमिली वैन बनी, बल्कि इसका इस्तेमाल कई शहरों में एंबुलेंस के रूप में भी किया गया।
- Maruti Gypsy: यह कार भारतीय सेना की पसंद बनी और लंबे समय तक ऑफ-रोडिंग के लिए सबसे बेहतरीन एसयूवी रही।
- Maruti Alto: 2000 में लॉन्च होने के बाद, यह कार भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई और आज भी लोगों की पसंदीदा है।
5. Suzuki का Maruti पर कब्जा
1991 में भारत में लिबरलाइजेशन हुआ, जिससे विदेशी कंपनियों को भारतीय कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मिल गई। पहले, कोई भी विदेशी कंपनी भारतीय कंपनियों में 40% से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकती थी, लेकिन लिबरलाइजेशन के बाद यह नियम खत्म हो गया।
इसके बाद Suzuki ने धीरे-धीरे Maruti में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई और 2003 में सरकार ने अपनी पूरी हिस्सेदारी Suzuki को बेच दी। आज Maruti Suzuki एक 100% प्राइवेट कंपनी है, जिसमें Suzuki की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है।
6. Maruti Suzuki आज कहां खड़ी है?
आज Maruti Suzuki भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट की 46% हिस्सेदारी रखती है, यानी हर दूसरी कार जो भारत में बिकती है, वह Maruti Suzuki की होती है। कंपनी ने अब तक 1 करोड़ से ज्यादा कारें बेची हैं और लगातार नई तकनीकों और कारों के साथ मार्केट में अपनी पकड़ बनाए हुए है।
कुछ बेस्ट सेलिंग कारें:
- Maruti Alto (45 लाख से ज्यादा यूनिट्स बिकी)
- Maruti WagonR (30 लाख से ज्यादा यूनिट्स बिकी)
- Maruti Swift (आज भी युवाओं की पसंद)
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निष्कर्ष: क्यों Maruti Suzuki भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी बनी?
- सस्ती और भरोसेमंद कारें – Maruti Suzuki हमेशा भारतीय ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से किफायती कारें बनाती रही है।
- बेहतरीन माइलेज – भारतीय ग्राहक हमेशा माइलेज को प्राथमिकता देते हैं, और Maruti की कारें इसमें सबसे आगे हैं।
- सर्विस नेटवर्क – पूरे भारत में सबसे बड़ा सर्विस नेटवर्क Maruti के पास है, जिससे ग्राहकों को कार की मेंटेनेंस में कोई परेशानी नहीं होती।
- कम कीमत में शानदार फीचर्स – Maruti हमेशा अपने सेगमेंट में सबसे सस्ते और बढ़िया फीचर्स देने के लिए जानी जाती है।
Maruti Suzuki ने भारत में कारों की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया और इसे आम आदमी तक पहुंचाने का सपना सच कर दिखाया। आज भी यह कंपनी देश की नंबर 1 कार निर्माता बनी हुई है और आने वाले समय में भी यह अपनी पकड़ बनाए रखेगी।