Gautam Adani एक बिजनेस टाइकून की अद्भुत सफलता की कहानी

अगर आप बिजनेस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने जरूर गौतम अडाणी का नाम सुना होगा। महज कुछ ही सालों में, उन्होंने अपनी नेटवर्थ को चौंकाने वाली तेजी से बढ़ाया है। 2020 में उनकी संपत्ति 9 बिलियन डॉलर थी, जो 2022 में 110 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। यही नहीं, उन्होंने भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी को भी पीछे छोड़ दिया और कुछ समय के लिए बिल गेट्स और वॉरेन बफेट जैसे दिग्गजों से भी आगे निकल गए।

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लेकिन क्या उनकी यह तरक्की स्थायी है? क्या इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई योगदान है? आखिर ऐसा क्या हुआ कि उनकी नेटवर्थ इतनी तेजी से बढ़ गई? इन सभी सवालों का जवाब हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे।


गौतम अडाणी: धीरूभाई अंबानी की तरह एक सेल्फ-मेड बिजनेसमैन

अक्सर लोग गौतम अडाणी की तुलना मुकेश अंबानी से करते हैं, लेकिन अगर सही मायनों में देखें, तो उनकी कहानी धीरूभाई अंबानी से ज्यादा मिलती-जुलती है। जहां मुकेश अंबानी को रिलायंस की विरासत मिली, वहीं गौतम अडाणी ने अपनी पूरी बिजनेस एम्पायर खुद खड़ी की है।

गौतम अडाणी का जन्म 24 जून 1962 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उनके पिता शांतिलाल अडाणी एक छोटे व्यापारी थे, जिनका कपड़े का कारोबार था। लेकिन गौतम को अपने पिता के बिजनेस में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उन्हें शुरू से ही कुछ अलग और बड़ा करना था, जिसके लिए उन्होंने अपनी बीकॉम की पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ दी।

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साल 1978 में, उन्होंने मुंबई जाकर डायमंड ट्रेडिंग का काम शुरू किया। फिर 1981 में, उनके बड़े भाई मनसुख भाई अडाणी ने उन्हें अहमदाबाद वापस बुलाया, क्योंकि वे प्लास्टिक के कारोबार में उतर चुके थे। इस बिजनेस के लिए उन्हें हर महीने पीवीसी (PVC) की जरूरत थी, जिसे भारत में आसानी से नहीं पाया जा सकता था। इसी दौरान गौतम अडाणी ने इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बिजनेस की बारीकियां सीखीं और 1988 में अडाणी एक्सपोर्ट्स लिमिटेड की शुरुआत कर दी। यह कंपनी आगे चलकर अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी बनी।


अडाणी ग्रुप की बड़ी कंपनियां और उनका बिजनेस

आज अडाणी ग्रुप के पास कई बड़े बिजनेस हैं, जो अलग-अलग सेक्टर्स में काम कर रहे हैं।

  • अडाणी इंटरप्राइजेज: यह ग्रुप की सबसे पहली और बड़ी कंपनी है, जो कोल ट्रेडिंग, कोल माइनिंग और एयरपोर्ट ऑपरेशन जैसे बिजनेस संभालती है।
  • अडाणी पोर्ट्स & SEZ: भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर कंपनी।
  • अडाणी पावर: पावर जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन का बिजनेस करती है।
  • अडाणी टोटल गैस: शहरों में गैस वितरण का काम करती है।
  • अडाणी ग्रीन एनर्जी: सोलर और विंड एनर्जी का उत्पादन करती है।
  • अडाणी विल्मर: एडिबल ऑयल बनाने वाली यह कंपनी ‘फॉर्च्यून’ ब्रांड का मशहूर रिफाइंड ऑयल भी बेचती है।

इनके अलावा, अडाणी ग्रुप इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, डेटा सेंटर, और एयरपोर्ट ऑपरेशन जैसे सेक्टर्स में भी तेजी से विस्तार कर रहा है।


अचानक से अडाणी की नेटवर्थ कैसे बढ़ गई?

अब सवाल यह उठता है कि आखिर अडाणी की नेटवर्थ इतनी तेजी से कैसे बढ़ी? असल में, इसका सबसे बड़ा कारण उनके शेयरों की कीमतों में आई उछाल है।

उदाहरण के लिए:

  • अडाणी टोटल गैस का शेयर 2019 में सिर्फ ₹82 था, जो 2022 तक ₹2,520 तक पहुंच गया।
  • बाकी अडाणी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक्स में भी इसी तरह 1000% से 3000% तक का जबरदस्त उछाल आया।

लेकिन शेयर बाजार में जो तेजी आती है, वही गिरावट भी ला सकती है। उदाहरण के तौर पर, 22 अप्रैल 2022 को गौतम अडाणी की नेटवर्थ 123 बिलियन डॉलर थी, जो कुछ ही हफ्तों में गिरकर 106 बिलियन डॉलर रह गई। यानी कि उनकी संपत्ति 25 दिनों में 17 बिलियन डॉलर कम हो गई।

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क्या गौतम अडाणी की सफलता स्थायी है?

गौतम अडाणी की सफलता और तेजी से बढ़ती नेटवर्थ का एक बड़ा कारण उनका कर्ज पर आधारित बिजनेस मॉडल है।

  • अडाणी ग्रुप पर 2.22 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और यह लगातार बढ़ रहा है।
  • इसका मतलब यह हुआ कि उन्होंने अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं किया, बल्कि लोन लेकर नए बिजनेस में एंट्री की।
  • अगर कभी भी उनकी कंपनियों के शेयर प्राइस गिरते हैं या कर्ज चुकाने में दिक्कत आती है, तो उनका बिजनेस मॉडल जोखिम में पड़ सकता है।

कई लोग यह भी मानते हैं कि उनकी सफलता के पीछे भारतीय सरकार का भी हाथ हो सकता है, क्योंकि अडाणी ग्रुप को कई बड़े प्रोजेक्ट्स और सरकारी ठेके मिले हैं। हालांकि, बिजनेस की दुनिया में सफलता सिर्फ नेटवर्किंग से नहीं मिलती, बल्कि सही रणनीति और निर्णय भी बहुत मायने रखते हैं।


निष्कर्ष: क्या गौतम अडाणी आगे भी सबसे अमीर बने रहेंगे?

गौतम अडाणी ने एक छोटे व्यापारी के बेटे से लेकर दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार होने तक का सफर तय किया है। उनकी बिजनेस रणनीतियां उन्हें हमेशा आगे रखती हैं। लेकिन उनकी सफलता पूरी तरह से उनके कंपनियों के स्टॉक प्राइस पर निर्भर करती है। अगर अडाणी ग्रुप की कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा बना रहता है, तो उनकी नेटवर्थ और बढ़ेगी। लेकिन अगर शेयर बाजार में गिरावट आती है या कर्ज का दबाव बढ़ता है, तो उनकी संपत्ति में भारी गिरावट भी देखी जा सकती है।

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