हमने कई साइंस-फिक्शन फिल्मों में देखा है कि भविष्य में गाड़ियाँ बिना ड्राइवर के अपने आप चलती हैं। एलन मस्क का दावा है कि 2026 तक उनकी टेस्ला रोबो टैक्सियाँ अमेरिका की सड़कों पर होंगी। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सच में संभव है? और अगर है, तो क्या ये भारत जैसे देश में भी कारगर होगी? आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
रोबो टैक्सी: एलन मस्क का सपना
एलन मस्क ने हाल ही में अपनी नई रोबो टैक्सियों को पेश किया है, जो बिना किसी ड्राइवर के सड़कों पर दौड़ सकेंगी। आपको बस अपनी मंजिल सेट करनी होगी, और ये टैक्सियाँ आपको वहाँ पहुँचा देंगी। इन टैक्सियों में न स्टेयरिंग है, न ब्रेक्स और न ही एक्सेलेरेटर – सब कुछ ऑटोमेटेड सिस्टम द्वारा कंट्रोल होता है। मतलब, एक ऐसा अनुभव जो अभी तक सिर्फ फिल्मों में ही देखा गया है!
रोबो टैक्सी का काम करने का तरीका
ये रोबो टैक्सियाँ चार मुख्य तकनीकों पर काम करती हैं, जो इन्हें सुरक्षित और सटीक बनाती हैं:
- लाइडर (LiDAR): ये सेंसर के जरिए 3D मैप बनाता है ताकि कार अपने आसपास का सटीक अनुमान लगा सके।
- कैमरे: 360-डिग्री व्यू के लिए इसमें कैमरे लगे हैं, जो ट्रैफिक लाइट्स, स्पीड साइन और अन्य साइनबोर्ड्स को पहचानते हैं।
- रडार: यह आसपास के ऑब्जेक्ट्स की दूरी और गति को मापता है।
- कंप्यूटर सिस्टम: ये सभी सेंसर से डेटा इकट्ठा कर ड्राइविंग के फैसले करता है।
क्या ये मुमकिन है?
एलन मस्क का कहना है कि 2026 तक रोबो टैक्सियाँ अमेरिका की सड़कों पर दौड़ेंगी, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इस स्तर की ऑटोमेशन के लिए उच्च-स्तरीय डेटा और नियंत्रण में वातावरण की ज़रूरत होती है, जो हर जगह उपलब्ध कराना मुश्किल है। पहले भी मस्क ने 2020 तक रोबो टैक्सियाँ लॉन्च करने का दावा किया था, लेकिन अब तक ये संभव नहीं हो पाया। मतलब, इस तकनीक में अभी भी सुधार की जरूरत है।
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भारत में रोबो टैक्सी मुमकिन है?
भारत में रोबो टैक्सियों का चलन काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यहाँ का ट्रैफिक पैटर्न और सड़कें इस तकनीक के लिए कठिन साबित हो सकती हैं:
- ट्रैफिक की चुनौतियाँ: भारत में कई लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं, और यहाँ की सड़कें भी हमेशा स्मूथ नहीं होतीं। साथ ही, भारतीय सड़कों पर गाड़ियों के पास-पास चलने का चलन भी रोबो टैक्सियों के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है।
- क्या भारत तैयार है?: कुछ स्टार्टअप्स इस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन भारत में लोगों की ड्राइविंग आदतों और सड़कों की स्थिति को देखते हुए, रोबो टैक्सियों का सफलतापूर्वक परीक्षण करना एक कठिन कार्य है। इसलिए, भले ही अमेरिका में ये टैक्सियाँ सफल हो जाएँ, भारत में इन्हें आने में अभी समय लग सकता है।